रविंद्र दुबे 'बाबू'
रविंद्र दुबे
बाबू
15 मई, 1981
बारे में
रविंद्र दुबे "बाबू" का जन्म 1981 ई॰ में छत्तीसगढ़ के जांजगीर ज़िले में हुआ। बचपन जांजगीर में व्यतीत हुआ और प्रारम्भिक शिक्षा भी जांजगीर में हुई।
उच्च शिक्षा के रूप में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय से बी॰ ई॰ (रसायन तकनीक) तथा ग्लोबल ओपन विश्वविद्यालय,
नागालैंड से एम॰ बी॰ ए॰ (पर्यावरण प्रबंधन ) उपाधि प्राप्त की। वास्तु के प्रति रुझान होने के कारण वास्तु विद्य की शिक्षा लेकर उसका अनुभव भी प्राप्त किया।
सामाजिक सेवा और काव्य में रुझान होने के कारण कई रचनाएँ लिखें जो की प्राकृतिक संरक्षण और समसामयिक परस्थितियों से संबंधित है। जिनमें प्रमुख कृतियाँ
के रूप में लहालोट का आश्रय, गुमटी का हाल, वेदना निर्मल जल की, ये पेड़ बड़े मतवाले है, सरिता का धरम कर्म, बुँदे ओस की, जल ही जीवन-जल ही कल, क्रांति ही की, मिलकर पानी सभी बचाए, सबका जीवन आनंदमय बना दे जैसी कृतियाँ पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं।