देशभक्ति / सुविचार / प्रेम / प्रेरक / माँ / स्त्री / जीवन
प्रेम सकल श्रुति-सार है, प्रेम सकल स्मृति-मूल।
प्रेम पुरान-प्रमाण है, कोउ न प्रेम के तूल॥
            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें