देशभक्ति / सुविचार / प्रेम / प्रेरक / माँ / स्त्री / जीवन

आग हुआ मौसम (नवगीत)

भट्टी की
धधक रही
आग हुआ मौसम!

हवाएँ हैं,
लपट है,
लू है!
गर्म तवे
सी तपती
भू है!

ॠतुओं के
दामन पे
दाग हुआ मौसम!

प्यासे हैं
नदी और
झरने!
पेड़, पात,
फूल लगे
डरने!

आग उगलता
रवि
घाघ हुआ मौसम!

चंद्रपुर गर्म
जम्मू ठंडा!
कुआँ पहने
तावीज गंडा!

जिला, प्रदेश
और संभाग
हुआ मौसम!


लेखन तिथि : 3 मई, 2019
            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें