देशभक्ति / सुविचार / प्रेम / प्रेरक / माँ / स्त्री / जीवन

आँख ने आँसू बहाए (ग़ज़ल)

आँख ने आँसू बहाए,
तुम बहुत ही याद आए।

एक झूठी कल्पना में,
ख़्वाब रातों भर सजाए।

यह सरासर ज़ुल्म होगा,
प्यार में सब कुछ गँवाए।

यदि हुई ईमानदारी,
घूस चलने भी न पाए।

सूर्य की आशा किया तो,
धूप से ज्यों छत नहाए।


लेखन तिथि : 20 जनवरी, 2022
अरकान : फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन
तक़ती : 2122 2122
            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें