देशभक्ति / सुविचार / प्रेम / प्रेरक / माँ / स्त्री / जीवन

आया जन्मदिन बाबा भीम का (कविता)

आया जन्मदिन बाबा भीम का,
विश्व समूचा झूम रहा।
बाबा भीम के त्याग, समर्पण,
बहुजन अम्बर चूम रहा।

बाबा भीम के जन्मदिवस पर,
घर-घर दीप जलाओ तुम।
रहो संगठित शिक्षित होकर,
मन में ना दहलाओ तुम।

14 अप्रैल महापर्व है,
चप्पा-चप्पा गूँज रहा।
बाबा भीम पर हमें गर्व है,
नारा घर-घर गूँज रहा।

बंगला-गाडी़, शिक्षा-दीक्षा,
आज जो बहुजन हम पर है।
विश्व रत्न संविधान निर्माता,
बाबा भीम के दम पर है।

कलम चली जब बाबा भीम की,
थर-थर काँपे शातिर।
बच्चों की क़ुर्बानी दे दी,
बहुजनों की ख़ातिर।

एक अकेली कलम भीम की,
क्या भाला और क्या बर्छी।
कलम भीम की आज बदौलत,
कलम चलाता समदर्शी।


लेखन तिथि : 14 अप्रैल, 2021
            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें