देशभक्ति / सुविचार / प्रेम / प्रेरक / माँ / स्त्री / जीवन

बात में भी जान हो (ग़ज़ल)

बात में भी जान हो,
रास्ता आसान हो।

बाग़ ने अब ये कहा,
कोकिला की तान हो।

बुद्धि मानो है प्रखर,
झोपड़ी में ज्ञान हो।

हादसा तो हो गया,
अश्रु का सम्मान हो।

जी रहे हैं हम अगर,
ख़ुद पे भी अभिमान हो।


  • विषय :
लेखन तिथि : 1 नवम्बर, 2021
अरकान : फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
तक़ती : 2122 212
            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें