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बात पुरानी ताने मार रही है (ग़ज़ल)

बात पुरानी ताने मार रही है,
याद किसी की ताने मार रही है।

मेरे अंदर चीख़ रही ख़ामोशी,
और उदासी ताने मार रही है।

फैल गई तन्हाई कमरे में मिरे,
हर इक खिड़की ताने मार रही है।

हार हुई जबसे यार मुहब्बत में,
हर इक लड़की ताने मार रही है।

हर रोज़ बिठाकर अपने पास मुझे,
इक तन्हाई ताने मार रही है।

उसकी शादी तकलीफ़ नही मेरी,
यार विदाई ताने मार रही है।

सिगरेट जलाते हैं तिरी यादों से,
दियासलाई ताने मार रही है।


लेखन तिथि : 3 जून, 2021
अरकान: फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन
तक़ती: 22 22 22 22 22
            

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