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बहुत प्यारी होती हैं बेटियाँ (कविता)

प्यार का पुष्पहार होती हैं बेटियाँ,
बाप की दुलारी होती हैं बेटियाँ।
घर का चिराग़ होती हैं बेटियाँ,
फूल की ख़ुशबू होती हैं बेटियाँ।

ममता की मूरत होती हैं बेटियाँ,
बड़ी मासूम सी होती हैं बेटियाँ।
स्नेह का सागर होती हैं बेटियाँ,
हृदय की धड़कन होती हैं बेटियाँ।

रेशम सी कोमल होती हैं बेटियाँ,
ख़ुशियों की जलधार होती हैं बेटियाँ।
पायल की झंकार होती हैं बेटियाँ,
हवा की ठंडी बयार होती हैं बेटियाँ।

भावों का भंडार होती हैं बेटियाँ,
प्यार में अपार होती हैं बेटियाँ।
रिश्तों का अंबार होती हैं बेटियाँ,
राखी की कोमल डोर होती हैं बेटियाँ।

कलकल करती सरिता होती हैं बेटियाँ,
चिड़ियों की चहक होती हैं बेटियाँ।
परिवार की महक होती हैं बेटियाँ,
ईश्वर की सौग़ात होती हैं बेटियाँ।

परियों सी निश्छल होती हैं बेटियाँ,
धूप में शीतल हवा होती हैं बेटियाँ।
हर दर्द का इलाज होती हैं बेटियाँ,
आँगन की रौनक होती हैं बेटियाँ।

सूरज की किरण होती हैं बेटियाँ,
इंद्रधनुष सी सतरंग होती हैं बेटियाँ।
पगड़ी का शान और आन होती हैं बेटियाँ,
कभी माँ, कभी बहन होती हैं बेटियाँ।

ज़िंदगी की खिलखिलाहट होती हैं बेटियाँ,
होठों की मुस्कान होती हैं बेटियाँ।
हर दिल की अरमान होती हैं बेटियाँ,
एक मधुर सा अहसास होती हैं बेटियाँ।

माँ-बाप का गुमान होती हैं बेटियाँ,
मुकुट का हीरक ताज होती हैं बेटियाँ।
घर के आँगन की तुलसी होती हैं बेटियाँ,
प्यार का पैग़ाम होती हैं बेटियाँ।

साजो की सरगम होती हैं बेटियाँ,
धरती पर वरदान होती हैं बेटियाँ।
वर्षा की रिमझिम बौछार होती हैं बेटियाँ,
प्यारा सा मंगलगान होती हैं बेटियाँ।

दिल को दिल से जोड़ती बेटियाँ,
अपनो को अपनाती बेटियाँ।
ज़ख़्मों का मलहम हैं बेटियाँ,
एक मधुर तान होती हैं बेटियाँ।

सचमुच बड़ी प्यारी होती ये बेटियाँ,
प्यारा सा एक अहसास ये बेटियाँ।
दिलों की मधुर आवाज़ ये बेटियाँ,
सुरों की सरताज होती ये बेटियाँ।

सच बहुत प्यारी होती हैं बेटियाँ।


लेखन तिथि : 12 जून, 2021
            

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