डम डम डम डम डमरू बोले,
हे! बम भोले बम बम भोले।
जय महाकाल जय प्रलयंकर,
जय नीलकंठ जय जय शंकर।
तुम रोम-रोम के बासी हो,
तुम गौरापति अविनाशी हो।
कण-कण में तेरी हस्ती है,
ये दुनिया तुझमे बसती है।
ये जग है तेरा शिवशंकर,
जय महाकाल जय प्रलयंकर,
जय नीलकंठ जय जय शंकर।
डम डम...
हे! बम भोले..
सर्पों की सुंदर माला है,
चढ़े भंग का प्याला है।
हे शिव शम्भू तू आला है,
ये तेरा रूप निराला है।
ये जटाजूट! ये बाग्घम्बर!
जय महाकाल जय प्रलयंकर,
जय नीलकंठ जय जय शंकर।
डम डम...
हे! बम भोले...
औरों को अमृत देते हो,
ख़ुद विष पीकर जी लेते हो।
तुम दीवाने तुम मतवाले,
तुम राम राम जपने वाले।
जय भूतनाथ जय नन्दीश्वर,
जय महाकाल जय प्रलयंकर,
जय नील कंठ जय जय शंकर।
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