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चमचमाती कारों से (नवगीत)

काली अमावस में
दीप जलते हैं
तारों से।

पर्व है
दीवाली का।
रश्मियों के
माली का।।

बाज आ गए
अब हम हैं
उनके उपकारों से।

फुलझड़ी औ
अनार है।
लोगों मे
बस प्यार है।।

उतरीं नवयौवनाएँ
चमचमाती-
कारों से।


लेखन तिथि : 28 अक्टूबर, 2019
            

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