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चरखा अब चलता नहीं (दोहा छंद)

चरखा अब चलता नहीं, खादी होती लुप्त।
फ़ैशन ऐसा चल रहा, अंग दिख रहे गुप्त।।


लेखन तिथि : 26 जनवरी, 2021
            

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