अप्रतिम क्षण वह समुद्र मंथन का,
भगवान धनवंतरि के आगमन का।
कार्तिक मास कृष्ण पक्ष त्रयोदशी,
अमृत कलश के दिव्य दर्शन का।
धनतेरस का त्यौहार जुड़ा है इससे,
ग्रन्थों पुराणों में उल्लिखित क़िस्से।
युगों से धार्मिक आस्था का आधार,
दया, प्रेम तथा सद्भाव आते जिससे।
धन्वंतरि अमृत वर्षा करें ले कलश,
पूजन से मिले स्वास्थ्य धन व यश।
लोग चाँदी, सोना व बर्तन ख़रीदते,
अपार भक्ति विश्वास व श्रद्धावश।
दक्षिण दिशा में यम का दीप जलाते,
लक्ष्मी व गणेश जी की प्रतिमा लाते।
खील, मिठाई, लइया, गट्टे व बताशे,
धनतेरस पूजन विधि में काम आते।
धन व अमृत वर्षा का है पावन पल,
कहते मिले इस दिन तेरह गुना फल।
तीज त्यौहार जन कल्याण हेतु आते,
मिलता पुण्य संग धन संपदा सकल।।
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