देशभक्ति / सुविचार / प्रेम / प्रेरक / माँ / स्त्री / जीवन

धूम धड़ाका होली में (कविता)

धूम धड़ाका भँग चढ़ेगी,
होली में फिर भइया।

जीजा साली देवर भौजी,
करेंगे ता ता थइया।

मोटू पतलू लंबू छोटू,
सब झूमेंगे रे दइया।

डूब जाएँगे मस्ती में सब
चाची भाभी मइया।

ढोल नगाड़े बाजे गाजे,
मचेगी छइयाँ-छइयाँ।

रँग चढ़े पहचान न आवे,
को देवर को सइयाँ।

पीने वाले ख़ूब पिएँगे,
उस दिन लोग लुगइया।

होली में हुड़दंग मचेगा,
रँग में डूबे नइया।

धूम धड़ाका भँग चढ़ेगी,
होली में फिर भइया।

जीजा साली देवर भौजी,
करेंगे ता ता थइया।


लेखन तिथि : 10 मार्च, 2022
            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें