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गणतन्त्र दिवस (कविता)

आया राष्ट्रीय दिवस ये गणतंत्र दिवस,
संविधान दिवस शौर्य सम्मान दिवस।
चारों और देखो सब की भीड़ लगी है,
जनता सब और स्वागत को खड़ी है।।

राजपथ पर होता है इसदिन समारोह,
26 जनवरी है उत्साहवर्धन समारोह।
देशभक्ति संस्कृति और हिंद का शोर्य,
होती परेड सलामी इस रोज समारोह।।

शहीदों का बलिदान याद किया जाता,
स्वतन्त्र हुई थी इस दिन भारत माता।
आज ही के दिन नूतनविधान बना था,
प्यारा हम सबको संविधान मिला था।।

राष्ट्रीय गीत और यह राष्ट्रीय गान बना,
शहीद की शहादत यह यादगार बना।
हिंदू मुस्लिम व सिख ईसाई एक हुआ,
फिर ‌सर्वधर्म का गणतंत्र दिवस बना।।

नव-वर्ष भी आता ढ़ेरों ख़ुशियाँ लाता,
संविधान निर्माता याद सबको आता।
देश-विदेशों को पराक्रम दिखाते वीर,
लालकिले पर झण्डा फहराया ‌जाता।।


रचनाकार : गणपत लाल उदय
लेखन तिथि : 18 जनवरी, 2022
            

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