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है दुनिया पर नहीं भरोसा (सजल)

है दुनिया पर नहीं भरोसा,
पानी पी पी कर है कोसा।

घर में इतनी चहल पहल है,
औ कुढ़ कर बैठा है गोशा।

ऑफ़िस की मीटिंग में मिला,
आलू बोंडा और समोसा।

वे ही नमक हराम हुए हैं,
जिनको हमनें पाला पोसा।

क़यामत देखो ले रही है,
लोगों की ख़ुशियों का बोसा।

अनवरत यात्रा हुई जारी,
बिल्कुल पास नहीं है तोसा।


लेखन तिथि : 2 अगस्त, 2019
            

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