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हे कृष्णा साँवरे (कविता)

प्यारे तू सब जानता है,
प्यारे तू सब देखता है।
तूने तक़दीर लिखी है,
मेरी इसमें क्या ख़ता है।
मैंने तो वो ही किया है,
तू जो मेरे से करवाता है।
मेरी हर साँस तेरी दी हुई,
मेरी साँसों में तू बसाता है।
अब मैं पापी हूँ या पुजारी,
प्यारे ये सब तू जानता है।
मेरी जीवन डोर तेरे हाथों मे,
प्यारे तू सबका विधाता है।
तेरा ही लिखा हुआ सब है,
मन जो तेरी और भागता है।


लेखन तिथि : 26 मई, 2020
            

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