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हिन्दी हमारी भाषा (कविता)

हिन्दी से सरल, सरस नहिं,
है कोई अन्य भाषा।
पढने, पढा़ने इसको,
हर राष्ट्र लगता प्यासा।।

इसमें बसी हमारी
मानव संस्कृति सारी।
हर भाषा से है श्रेष्ठ यह,
हिन्दी हमारी प्यारी।।

हर साहित्य से समृद्ध है,
हिन्दी साहित्य हमारा।
ये सिर्फ़ मैं न कहता,
कहता है विश्व सारा।।

हिन्दी हमारी भाषा,
राष्ट्र भाषा, मातृभाषा।
हिन्दी परिचय हमारा,
मानव की ये परिभाषा।।

हिन्दी सदा पढ़ें हम,
हिन्दी ही हम पढ़ाएँ।
हिन्दी में बोले, गाएँ,
आओ क़सम ये खाएँ।।


लेखन तिथि : 14 सितम्बर, 2021
            

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