सागर संगम नदियों का,
जो जीवन पथ दर्शाती है।
भाषाओं का संगम है हिन्दी,
जो राष्ट्रभाषा कहलाती है।
देश विभिन्नता का है भारत,
यहाँ की मिट्टी माँ कहलाती है।
एक ही माँ के हैं संतान,
हम सब को हिन्दी आती है।
हिन्दी माला है फूलों की,
जो एकता को दर्शाती है।
विभिन्नता रूपी भारत का,
हृदय हार बन जाती है।
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