देशभक्ति / सुविचार / प्रेम / प्रेरक / माँ / स्त्री / जीवन

हम जिएँ न जिएँ दोस्त (कविता) Editior's Choice

हम जिएँ न जिएँ दोस्त
तुम जियो एक नौजवान की तरह,
खेत में झूम रहे धान की तरह,
मौत को मार रहे बान की तरह।

हम जिएँ न जिएँ दोस्त
तुम जियो अजेय इंसान की तरह
मरण के इस रण में अमरण
आकर्ण तनी
कमान की तरह!


            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें