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इस दुनियाँ में झूठ (दोहा छंद)

मकड़जाल सा है बुना, इस दुनियाँ में झूठ।
मौसम का आघात है, गईं बहारें रूठ।।


लेखन तिथि : 4 अगस्त, 2020
            

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