देशभक्ति / सुविचार / प्रेम / प्रेरक / माँ / स्त्री / जीवन

इश्क़ मुझ को नहीं वहशत ही सही (शेर) Editior's Choice

इश्क़ मुझ को नहीं वहशत ही सही,
मेरी वहशत तिरी शोहरत ही सही।


रचनाकार : मिर्ज़ा ग़ालिब
            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें