जितना कम सामान रहेगा,
उतना सफ़र आसान रहेगा।
जितनी भारी गठरी होगी,
उतना तू हैरान रहेगा।
उस से मिलना ना-मुम्किन है,
जब तक ख़ुद का ध्यान रहेगा।
हाथ मिलें और दिल न मिलें,
ऐसे में नुक़सान रहेगा।
जब तक मंदिर और मस्जिद हैं,
मुश्किल में इंसान रहेगा।
'नीरज' तू कल यहाँ न होगा,
उस का गीत विधान रहेगा।
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