जितने हरामख़ाेर थे क़ुर्ब-ओ-जवार में,
परधान बनके आ गए अगली क़तार में।
दीवार फाँदने में यूँ जिनका रिकॉर्ड था,
वे चौधरी बने हैं उमर के उतार में।
फ़ौरन खजूर छाप के परवान चढ़ गई,
जो भी ज़मीन ख़ाली पड़ी थी कछार में।
बंजर ज़मीन पट्टे में जो दे रहे हैं आप,
ये रोटी का टुकड़ा है मियादी बुख़ार में।
जब दस मिनट की पूजा में घंटों गुज़ार दें,
समझो कोई ग़रीब फँसा है शिकार में।
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