देशभक्ति / सुविचार / प्रेम / प्रेरक / माँ / स्त्री / जीवन

ख़ुशी तो हमेशा पलों के लिए है (ग़ज़ल)

ख़ुशी तो हमेशा पलों के लिए है,
ग़ज़ल शायरी दिलजलों के लिए है।

जहाँ रोज़ रिश्ते पराए हुए हैं,
सुभीता रही तो खलों के लिए है।

यहाँ पर अदालत दिखावा हुई है,
सभी राजनीतिक दलों के लिए है।

मही को बशर ने खिलोना बनाया,
हमारी धरा जलजलों के लिए है।

परीक्षा दिया है हमीं ने हमेशा,
प्रतीक्षा करी जो फलों के लिए है।

सुरक्षा व्यवस्था जहाँ भी लचर है,
समझ लो कि शासन बलों के लिए है।


लेखन तिथि : 27 सितम्बर, 2019
अरकान : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन
तक़ती : 122 122 122 122
            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें