देशभक्ति / सुविचार / प्रेम / प्रेरक / माँ / स्त्री / जीवन

क्या सोच रहे हो? (उद्धरण) Editior's Choice

अकेले बैठना, चुप बैठना—
इस प्रश्न की चिंता से मुक्त होकर बैठना कि
‘क्या सोच रहे हो?’—यह भी एक सुख है।


रचनाकार : अज्ञेय
            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें