ईश्वर की सबसे सुन्दर रचना माँ,
धरती पर ईश्वर का रूप है माँ,
अम्मा, जननी, माता, महतारी माँ,
भिन्न-भिन्न नामों से जानी जाती माँ,
धरती की तरह सहनशील है माँ,
क्षमाशील और त्याग की मुर्ति है माँ,
निस्वार्थ प्रेम का सागर है माँ,
ज़िंदगी की पहली गुरु है माँ,
सही ग़लत की शिक्षा देती है माँ,
सुई चुभने से रो देती है माँ,
जन्म देने का दर्द सह जाती है माँ,
मेरी तो ज़िंदगी ही माँ है,
और जिंदगी देने वाली भी माँ,
मेरे चारों धाम तेरे चरणों में है माँ,
मेरा जीवन तुम्हारी ऋणी रहेगा माँ।
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