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मगिहौं वरदान (लोकगीत)

मगिहौं वरदान माई के मन्दिरवा भीतर,
गइहौं गुनगान देवी के मन्दिरवा भीतर।

सोना न मगिहौं चाँदी न मगिहौं,
घोड़ा न मगिहौं गाड़ी न मंगिहौ,
मगिहौं मैं मइया का प्यार,
माई के मन्दिरवा भीतर।
मगिहौं वरदान...

महला न मगिहौं दुमहला न मगिहौं,
बागा न मंगिहौ बगइचा न मगिहौं,
करिहउँ मइया का सत्कार,
माई के मन्दिरवा भीतर।
मगिहौं वरदान...

लहँगा चढ़हउँ चुनरी चढ़हउँ,
फुलवन की माला से चुनि चुनि सजइहौं,
दरशन की करिहउँ गुहार,
माई के मन्दिरवा भीतर।
मगिहौं वरदान...
गईहौं गुनगान देवी के मन्दिरवा भीतर।


लेखन तिथि : 10 सितम्बर, 2021
            

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