साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
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कानपुर, उत्तर प्रदेश | 1944
गंध के धनुष खींचे आ गए मौसम के फूल। फूल जो लुभाते हैं, प्राण तक चुराते हैं। कानों में मंत्र गीत गा गए मौसम के फूल। रंग के कथानक हैं, उत्सव के मानक हैं। दिशा-दिशा में कैसे छा गए मौसम के फूल, गंध के धनुष खींचे आ गए मौसम के फूल!
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