मेरा भारत देश महान, नहीं इससे बढ़िया देश कोई।
ये बिल्कुल स्वर्ग समान, नहीं इससे बढ़िया देश कोई।।
बात के पक्के, दिल के सच्चे,
इस दुनिया में सबसे अच्छे,
बसते यहाँ इंसान, नहीं इससे बढ़िया देश कोई।
सब धर्मों का यहाँ हो आदर,
ऊँच-नीच ना सभी बराबर,
ऐसा है सम्विधान, नहीं इससे बढ़िया देश कोई।
कई तरह की भाषा-बोली,
मिल के मनाए ईद और होली,
करें एक-दूजे का सम्मान, नहीं इससे बढ़िया देश कोई।
कहीं पहाड़ और कहीं पे घाटी,
उगले सोना यहाँ की माटी,
भरे रहते खेत-खलिहान, नहीं इससे बढ़िया देश कोई।
चलती यहाँ पे पवन पुरवाई,
मौसम भी यहाँ ले अँगड़ाई,
सभी ऋतु हैं मेहरबान, नहीं इससे बढ़िया देश कोई।
बहती यहाँ पे यमुना-गंगा,
लहराए यहाँ ध्वज तिरंगा,
जो हम सबकी है जान, नहीं इससे बढ़िया देश कोई।
समुन्द्र सिंह का भाग सवाया,
इसमें जन्म जो मैंने पाया,
सदा इसका करूँ गुणगान, नहीं इससे बढ़िया देश कोई।
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