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मेरा मुझ में कुछ नहीं (दोहा छंद) Editior's Choice

मेरा मुझ में कुछ नहीं, जो कुछ है सो तेरा।
तेरा तुझकौं सौंपता, क्या लागै है मेरा।।


रचनाकार : कबीर
            

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