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मिलेगी एक दिन मंज़िल (शेर)

मिलेगी एक दिन मंज़िल अभी यह आस बाक़ी है।
अजी मक़सद अभी तो ज़िंदगी का ख़ास बाक़ी है।।


लेखन तिथि : जून, 2021
अरकान : मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन
तक़ती : 1222 1222 1222 1222
            

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