देशभक्ति / सुविचार / प्रेम / प्रेरक / माँ / स्त्री / जीवन

नव आश किरण मुस्काती है (गीत) Editior's Choice

नभ भोर अरुण चहुँ ओर शोर,
पशु विहग प्रकृति चितचोर मोर,
हलधर किसान उठ लखि विहान,
नव आश किरण मुस्काती है।

चहुँ प्रगति भाव नव उषा काल,
रवि लाल तिलक आकाश भाल,
कुसुमित सरोज खिल कुसुमाकर,
यौवन तरंग लहराती हैं।

नव सोच प्रगति नव जोश भोर,
नवशक्ति सबल तम मिटा घोर,
चल पड़ा सजग जग कर्म सुपथ,
हिय आश क्षितिज मन भाती है।

सद्भाव हृदय सम्प्रीति मधुर,
शुभ सुबह मनोहर भाव मुखर,
चहुँ शान्ति विमल आरोह लक्ष्य,
दिल देशभक्ति इठलाती है।

सीमांत अटल युव शौर्य प्रखर,
बलिदान अमर निशि भोर शिखर,
जीवन अर्पित रक्षण भारत,
रण गीत विजय रच जाती है।

तज आलस मन नव भोर किरण,
नव शोध सुपथ हो नव चिन्तन,
बन कर्मवीर रच फलक कीर्ति,
स्वर्णिम गाथा लिख जाती है।

उत्थान मनुज कल्याण जगत,
मुस्कान अधर ख़ुशियाँ अविरत,
सम एक भाव जग जीवन जन,
संतोष प्रीति मन भाती है।

सहयोग परस्पर मानव मन,
रवि नवप्रभात संदेश किरण,
परमार्थ निकेतन सुख सब जन,
बस स्वार्थ निशा मिट जाती है।

बन नार्यशक्ति वात्सल्य किरण,
देती ऊर्जा स्नेहिल चितवन,
मन क्षमा दया करुणार्द्र हृदय,
गुरु ज्ञान ज्योति बन जाती है।

अनमोल समय सूचक प्रभात,
गर्मी बरखा सर्दी बिसात,
जो चले समय के धरे हाथ,
शुभ सिद्धि साँझ बन जाती है।

खिलता निकुंज नव उषा किरण,
चहुँ सरित सलिल तरु हरित सघन,
सुललित कलित मधुरिम कविता,
कवि अन्तर्मन लिख जाती है।


लेखन तिथि : 19 सितम्बर, 2022
            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें