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नवरात्रि महापर्व (कुण्डलिया छंद)

मनभावन पावन लगा, नवरात्रि महा पर्व।
करते आएँ हैं सदा, हम सब इस पर गर्व॥
हम सब इस पर गर्व, चेतना नई जगाएँ।
रख कर नौ उपवास, मातु को शीश झुकाएँ॥
कहें शमा परवीन, करें माँ का आवाहन।
मिले प्रेम आशीष, लगे सब कुछ मनभावन॥


रचनाकार : शमा परवीन
लेखन तिथि : 28 मार्च, 2004
            

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