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नया मार्ग (कविता)

कठिन राह के दुर्गम मार्ग पर,
जाना है तो जाओ।
नई उमंग और नई तरंग,
लेकर वापस आओ।

अपने ख़ुशी के इस अवसर पर,
अतीत के ग़म भूल जाओ,
नई प्रभात के नए किरण में,
क्षितिज को छू जाओ।


रचनाकार : दीपक झा 'राज'
लेखन तिथि : 20 जून, 2001
            

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