घुँघरूओं की झनकार एवं मीठी आवाज़,
काशी की शान और कथक की पहचान।
नर्तक शास्त्रीय गायक पंडित बिरजू महाराज,
7 वर्ष में प्रथम गायन गाकर बना महान।।
बाॅलीवुड की दुनिया से जिनका था नाता,
फिल्मों में गीत, नृत्य निर्देशन किया था।
जैसे शतरंज के खिलाड़ी फिल्म देवदास,
दिल तो पागल है व गदर एक प्रेम कथा।।
यह बाजीराव मस्तानी और डेढ़ इश्क़िया,
काहे छेड़-छेड़ मोहे नृत्य संयोजन किया।
भारतीय कला केंद्र एवं संगीत भारती में,
अनेंक कथक केन्द्र में ये प्रशिक्षण दिया।।
आपने अनेंको पुरस्कार किए अपने नाम,
पदम विभूषण एवं संगम कला पुरस्कार।
कालीदास सम्मान एवं भरतमुनि सम्मान,
राष्ट्रीय फ़िल्म एवं फ़िल्म फेयर पुरस्कार।।
काशी हिंदू एवं खैरागढ़ विश्वविद्यालय से,
आपने डाॅक्टरेट की मानद उपाधि लिया।
बचपन का नाम दुखहरण एवं बृजमोहन,
फिर बिरजू एवं बिरजू महाराज हो गया।।
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