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पेश-ए-नज़र मेरे था दीशब एक वो रू-ए-रौशन (शेर)

पेश-ए-नज़र मेरे था दीशब एक वो रू-ए-रौशन,
गोया मह-ओ-अंजुम था उनके रू-सफ़ेदी से रौशन।


लेखन तिथि : 4 नवम्बर, 2021
            

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