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पुत्र का संदेश (गीत)

ओ चतुर कागा! हमारे गाँव जाना।
पुत्र का संदेश उस माँ को सुनाना।

मातु से कहना कि उसका सुत कुशल है,
याद वो करता उन्हें हर एक पल है।
छोड़ दीं अय्याशियाँ सब गाँव वाली,
नित्य-निज कर्तव्य पर रहता अटल है।
हो गया है अब लड़कपन से सयाना,
पुत्र का संदेश उस माँ को सुनाना।

व्यर्थ चिन्ता त्याग, माँ निज ध्यान रखना,
आ गया है श्रम मुझे दिन रात करना।
हो गया है बोध ज़िम्मेदारियों का,
अब न नालायक निकम्मा आप कहना।
अब नहीं करता हूँ मैं कोई बहाना,
पुत्र का संदेश उस माँ को सुनाना।

क़र्ज़ गिरवीं गाँठ से उद्धार होगा,
माँ तुम्हारे पास तेरा हार होगा।
विश्व की सारी ख़ुशी क़दमों में रख दूँ,
माँ हमारा स्वप्न तब साकार होगा।
लौटकर घर माँ हमें है जल्द आना,
पुत्र का संदेश उस माँ को सुनाना।


लेखन तिथि : 5 जून, 2022
            

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