मैं तुझे दर्पण बना लूँ,
ऐ! सलोने चाँद आ।
प्यार के दो क्षण चुरा लूँ,
ऐ! सलोने चाँद आ।
चाँदनी को है ख़ुमारी,
रात का भी नृत्य जारी,
तिमिर ने बाहें पसारी,
प्यार में है बात हारी।
ज़िंदगी हासिल मैं कर लूँ ,
ऐ! सलोने चाँद आ।
मैं तुझे दर्पण बना लूँ,
ऐ! सलोने चाँद आ।
प्यार के दो क्षण चुरा लूँ ,
ऐ सलोने चाँद आ।
देख ली कोई निशानी,
याद आई है पुरानी,
चाँद तेरी वो कहानी,
एक थी तेरी दीवानी।
आज आँखे चार कर लूँ,
ऐ! सलोने चाँद आ।
मैं तुझे दर्पण बना लूँ,
ऐ सलोने चाँद आ।
प्यार के दो क्षण चुरा लूँ,
ऐ! सलोने चाँद आ।
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