आओ हम सब बच्चे भारत,
नौनिहालों साथ स्कूल चलें।
अ आ इ ई क ख ग घ पाठ ज्ञान,
हम भारतीय इन्सान बनें।
ज्ञानोदय नव भोर किरण पथ,
नव विहान ज्ञान अनुकूल बने।
शिक्षा का आलोक चरित निज,
शील धीर वीर सच मूल बनें।
शिक्षा संयम साहस सम्बल,
दुर्गम बाधा पथ शान बढ़ें।
हम बच्चे भारत भविष्य फल,
शिक्षित समाज मुस्कान बनें।
विश्वास स्वयं हो पढ़ लिख कर,
कर्त्तव्य बोध परमार्थ बने।
चलो चलें स्कूल हम मिलकर,
पुरुषार्थ सार्थ धर्मार्थ बनें।
हम अबोध बच्चे मन निश्छल,
नवांकुर पौध हम देश बनें।
गौरैया बन नीलगगन उड़,
सम चन्द्रकला परिवेश बने।
शिक्षा जीवन महारत्न धन,
अधिकार स्वयं अधिकार करें।
निशिदिन अविरत अभ्यासी तप,
अक्षर अक्षय भंडार बनें।
कठिन साधना शिक्षा जीवन,
रुचि तत्पर साधक यार बनें।
विनय शील गुरु शरण चलें हम,
पी ज्ञानामृत गलहार बनें।
बेटा या बेटी बच्चे हम,
स्कूल जीवन आधार बनें।
संस्कार आचार समुन्नत,
हम नवयौवन का उपहार बने।
ज्ञान प्राप्ति हो कठिन परिश्रम,
आलस दुश्मन संहार करें।
खेलें कूदें पढ़ें लिखें हम,
चहुँ प्रगति शौर्य यश धार बनें।
कोमल अभिनव बचपन भारत,
माँ मानसरोवर हंस बनें।
करें राष्ट्र स्नेहिल माँ आरत,
भारत बाधक खल कंस हरें।
स्कूल चलें हम सूर्योदय बन,
धीरे ख़ुद ज्ञान आलोक भरें।
आदर्श निपुण सुपात्र वतन,
तिरंगा शान खल शोक हरें।
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