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स्वागतम् ऋतुराज का (नवगीत)

ठंड की ऋतु का
अवसान हो गया।

सर्द हवा,
कुहरा है।
जाड़ा तो
दुहरा है।।

बस कुछ दिन का
मेहमान हो गया।

स्वागतम्
ऋतुराज का।
सप्त स्वर में
साज का।।

फूलों का शर औ
कमान हो गया।


लेखन तिथि : 2019
            

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