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स्वयं जलो (कविता)

जलो मत
न जलाओ किसी को
यदि जलाना है
तो अंदर के विकारों को जलाओ
अप्प दीपो भव: बनो
कुंदन बनोगे
आत्म चेतना
जिस दिन जल गई
फिर क्या जलना क्या बुझना?


लेखन तिथि : 26 मार्च, 2024
            

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