देशभक्ति / सुविचार / प्रेम / प्रेरक / माँ / स्त्री / जीवन

तुम्हारी फ़ाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है (ग़ज़ल) Editior's Choice

तुम्हारी फ़ाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है,
मगर ये आँकड़ें झूठे हैं ये दावा किताबी है।

उधर जम्हूरियत ढोल पीटे जा रहे हैं वो,
इधर पर्दे के पीछे बर्बरीयत है नवाबी है।

लगी है होड़-सी देखो अमीरी और ग़रीबी में,
ये पूँजीवाद के ढाँचे की बुनियादी ख़राबी है।

तुम्हारी मेज़ चाँदी की तुम्हारे जाम सोने के,
यहाँ ज़ुम्मन के घर में आज भी फूटी रक़ाबी है।


            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें