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उड़ाने सभी आसमानो में है (ग़ज़ल)

उड़ाने सभी आसमानो में है,
आज पंछी सभी ठिकानो में है।

आँगन में चुगते रहे सारा दिन,
उनकी ज़िंदगी उन दानो में है।

चुनाँचे तन-मन की तरो ताज़गी,
चाय के फैले बाग़ानो में है।

जितनी मिठास परिहासों में नहीं,
वह अपनापन यहाँ तानो में है।

कुंडली मारकर बैठी उदासी,
ख़ुशी दूर बजते तरानो में है।


लेखन तिथि : 1 जनवरी, 2020
            

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