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उससे पूछा कुछ दिन पहले (ग़ज़ल) Editior's Choice

उससे पूछा कुछ दिन पहले,
बनकर मीत साथ में रह ले।

रिश्ते को मज़बूती देकर,
फिर जो जी में आए कहले।

ग़म या ख़ुशी मिले जो भी जब,
बिन पछताए मिलकर सह ले।

फिर भी दर्द न सह पाए तो,
छुप-छुप कर आँखों से बहले।

हर आँसू का क्या कारण है,
दिल में उतर अश्क की तह ले।

दुख है अगर पास तेरे तो,
मेरा सुख तेरा है यह ले।

भेद न कर अंचल ले ले प्रण,
जिसकी जो चाहत है वह ले।


लेखन तिथि : नवम्बर, 2022
            

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