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वस्तुतः यह सारा जीवन... (उद्धरण) Editior's Choice

वस्तुतः यह सारा जीवन रसमय अनुभूतियों की सार्थक शृंखला न होकर—असंबद्ध क्षणों की भँवर है, जिसकी कोई दिशा नहीं।


            

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