ये दलीलें और ये इल्ज़ाम यानी,
वो करेगी अब मुझे बदनाम यानी।
बेवजह जो मशवरा देते रहे हैं,
अब करूँगा दूर से प्रणाम यानी।
हाल मेरा पूछते हो आज मुझसे,
लग गया है आज कोई काम यानी।
बोलते हैं जो अभी तोते के जैसे,
वो बिके हैं कौड़ियों के दाम यानी।
याद अब जाती नहीं है, आ रही है
तो करो एक काम, ले लो जाम यानी।
मैं नहीं जाता कभी भी बिन बुलाए,
भेज सकते थे मुझे पैग़ाम यानी।
ख़ुश रखे माँ-बाप को जो भी हमेशा,
ख़ुश किए हैं उसने चारों धाम यानी।
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