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"रात" पर रचनाएँ
कविता
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ग़ज़ल
कर्तव्य पथ
विजय कृष्ण
सोने से पहले
मंगलेश डबराल
आज की रात बड़ी शोख़ बड़ी नटखट है
गोपालदास 'नीरज'
रुक कर जाती हुई रात
गिरिजा कुमार माथुर
रात
गोबिन्द प्रसाद
भीतर के अँधेरे में
अनिरुद्ध उमट
निद्राविहीन रात्रि
असद ज़ैदी
इस नगरी में रात हुई
विजयदेव नारायण साही
नींद का हासिल
शंकरानंद
आज की रात
अष्टभुजा शुक्ल
ये रात
लीलाधर मंडलोई
रात
शरद बिलाैरे
डूबता चाँद कब डूबेगा
गजानन माधव मुक्तिबोध
आधी रात
फ़िराक़ गोरखपुरी
रात
गुलज़ार
एक और रात
गुलज़ार
चंदा जनि उग आजुक राति
विद्यापति
अँधियारी रातें
अविनाश ब्यौहार
दिया जलता रहा
गोपालदास 'नीरज'
दीपक जलता रहा रात भर
गोपाल सिंह नेपाली
तम जहाँ में पल रहा है
अविनाश ब्यौहार
वो चुप-चाप आँसू बहाने की रातें
फ़िराक़ गोरखपुरी
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