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इसका पैमाना क्या होता है
(ममता शर्मा 'अंचल')
ग़मों में ज़िंदगी का क्या करेंगे
(रोहित गुस्ताख़)
कोई नहीं है देखने वाला तो क्या हुआ
(कुँअर बेचैन)
जो धरती पर थे
(ममता शर्मा 'अंचल')
क्या तुम मेरे हो
(प्रवीण श्रीवास्तव)
क्या क्या देखा
(अंकुर सिंह)
संसार ने दिया क्या?
(सुधीर श्रीवास्तव)
क्या कभी ऐसा होगा?
(चीनू गिरि गोस्वामी)
रोने से भी क्या होगा?
(हरदीप बौद्ध)
कविता क्या है?
(रतन कुमार अगरवाला)
क्या साथ मेरा दे सकोगी?
(अभिनव मिश्र 'अदम्य')
क्या सोच रहे हो?
(अज्ञेय)
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