आदमी और तकलीफ़ें (कविता)

मैंने कहा :
भई! आदमी
दस हज़ार साल पुराना है
और
तकलीफ़ें उसकी
उससे भी पुरानी
कि जब आदमी
आदमी नहीं था
तकलीफ़ें तब भी थीं

उसने कहा :
अच्छा!
अब आदमी कहाँ है
अब तो बस तकलीफ़ें हैं
और अब तो बस
तकलीफ़ें ही रहेंगी
कई शताब्दियों तक!


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