आओं मिलकर विदा करें यह कोरोना एवं साल,
जिसने सबको बहुत रूलाया भूलेंगे ना हर हाल।
निकल गया ऐसा साल जो कोरोना से था भरा,
स्वागत अब नव वर्ष का ख़ुद को रखना संभाल।।
ऐसा साल कभी न आए जिसमें बिछडे़ परिवार,
यादें ही रह जाएँ दिलों में फिर से बरसे ये प्यार।
स्वस्थ और प्रसन्न रखें ईश्वर ख़ुशियाँ भरें अपार,
आओ मिलकर संग निभाएँ दुआ करे ये हज़ार।।
ढोल-नगाड़े गाजे-बाजे के संग झूमें पाँव उठाए,
जितनी भी परेशानियाँ झेली सब को दे भुलाए।
वर्ष यह भूले याद न आए उथल-पुथल का दौर,
मीठी-मीठी ख़ुशियाँ लाएं ये नूतन वर्ष की भौर।।
आग़ाज़ कर रहें है मिलकर हम सब नव वर्ष का,
नसीब वही देगा हमको जो लेख लिखा सबका।
यह बीता हुआ समय कभी लौटकर नही आता,
एक हौसला ही सबको उड़ने के पंख है लगाता।।
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